Wednesday, January 12, 2011

MAA

Name: Vikas

माँ
एक ऐसा शब्द जिसकी परिभाषा सब के लिए अलग अलग है, एक ऐसा अक्षर जिस पे बड़ी बड़ी किताबे लिखी ja चुकी है or लिखी जा रही है पर इस को शब्दों में नही बाँधा जा सकता !
में आज जहा भी हूँ उसकी वजह से ही हूँ :-
माँ जिसने मुझे गिर के संभालना सिखाया !
माँ जिस ने मुझे कभी सपनो से तो कभी हकीकत से मिलाया !
माँ जिस ने मेरा हमेशा होंसला बढाया , ख़ुद रोते रहे पर मेरी aankho में aasoo n आने दिया!
माँ मुझे जमाने se कदम मिला k चलना सिखाया पर कभी ग़लत रास्ते n जाने दिया!
माँ हर buri नज़र से बचने के लिए मेरे aaage खड़ी है, हर बार मेरे लिए जमाने से bhidi है !
माँ जो mujh को mujse jyadaa जानती है , मेरी हर मांग को बिना बोले pacchanti है !
माँ जो ख़ुद से jyadaa मेरी chinta करती है , मेरे सारे गम भी ख़ुद harti है !
माँ घर में ही नही job में भी मेरी help करती है , मेरे से jyadaa mere decisions pe wo dhyan rakhti hai !
माँ तू न होती तो में tanhaa हो गया होता , duniyaa की भीड़ में कही खो गया होता !
माँ जिस से में करता हूँ अपनी दिल की हर बात, हमेशा मेरे sr पर है जिस का हाथ!
हर खुशी तेरे kadmo me होगी अब जमाने की---tere bachho ki umr ho gayi hai kamaane ki !

No comments:

Post a Comment